ಬುಧವಾರ, ಡಿಸೆಂಬರ್ 4, 2013

आग्मन का दूसरा रविवार साल A 2013

आग्मन का दूसरा रविवार साल A विषय: ईश्वर का राज्य नज्दीक आया हॆ/ ईसायिया नबी के ग्रंथ में से पहला पाठ:11:1-10 सूखे धड से एक अंकुर फूट पडेगी/ संत पाउलुस रोमियों के नाम पत्र में से दूसरा पाठ:15:4-9 एक चित्त होकर हम पिता की स्तुति कर सकेंगे/ संत मत्ती के सुसमाचार में से आज का सु समाचार:3:1-12 ईश्वर का राज्य नजदीक हॆ/ मसीह जीवन आधुनिक युग में अपना प्रभाव हर चीज पर छोड गया हॆ/ मनुष्य का जीवन इस से कितना प्रभावित हे, इस की झलक हमें रोज मरा की बातों से मिलता हें/ कोई भी विपदा की घडी में सब लोग साथ आकर एक दूसरे की सहायता करने के लिए तत्त्पर हो जाते/ हरेक के जीवन में न्याय, समानता, शांति, सद्भावना, समरसता आदि गुण कहां से आते! खिस्तिय जीवन से/ पर अब हम देख सकते कि कॆसे माध्य्मों के प्रभाव से मानव में अच्छाई लुप्त होती सी नजर आने लगी हॆ/ स्वार्थ लोगों के जीवन में घर कर गया हॆ/ कारण क्या हो सकता हॆ? जागतिक- बाजारीकरण की भावना लोगों में घर कर गई हॆ/ सब कुछ पॆसे के भाव में तोला जाता हॆ/ आज के तीनों पाठ हमें एक नया जीवन बिताने के लिए न्योता देते हें./ आगमन का समय हरेक विश्वासी के जीवन मे नये भरोसे को उजागर कर्ने के इरादे से प्रवेष कर ता हॆ/. आधुनिक युग मसीही सिध्दांत हमें आपसी दूरी को घटाने के लिए प्रेरणा दे सकते हॆं/ पर होता तो उमल्टा ही/ घर टूट रहे हें/ बुजुर्गों को बूढों के मकानों में डाला जा रहा हॆं/ क्या त्याग लुप्त नहीं हुआ? आज का पहला पाठ ईसायास नबी के ग्रंथ में से हमें एक नई आशा की किरण ले कर आया हॆ/ एक सूखी धड से एक नई अंकुर फूटने की बात कही गई हॆ/ हमारा जीवन यहूदियों के समान मुर्झा गया था/ आज उसमें एक नई आशा का किरण फूटने की आशा हॆ/ उसे अव हम ध्यान से उसे सुनें/ सु समाचार के समय संत योहन बप्तिस्ता हमें अपने पापों को छोड कर नया जीवन अपनाने के लिए बुला रहे हॆं/ आइए हम इसे भी ध्यान से सुनें/ इन सब बातों को ध्यान से सुन ने से हमारे जीवन मे आंनंद, प्यार, शांति सद्भावना, सांत्वना आदि गुण प्रवेष कर पायेंगे/ आइए हमारे जीवन में आगमन का दूसरा रविवार नई आशा का किरण लाए/ इसी आशा के साथ आपका विश्वासी दिव्य शब्द संघ के सदस्य फादर जुजे वास एस.वि.डी.

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