ಶುಕ್ರವಾರ, ಡಿಸೆಂಬರ್ 13, 2013
aagaman ka theesra ravivaar saal A viShay: dheeraj vishwasiyon kaa margdarshak yohan baptista saal 2013
आगमन का तीसरा रविवार साल A 2013 विषय:: "धीरज" विश्वासियों का मार्ग दर्शक योहन बप्तिस्ता/
इसाइया प्रवादि के पुस्तक में से पहला पाठ: 35:1-6a, 10: मुक्तिदाता का आगमन बहुत परिवर्तन लायेगा/
संत याकूब के पत्र में से दूसरा पाठ: 5:7-10 धीरज मुक्तिदाता की प्रतीक्षा का प्रतीक/
संत मत्ती के सु-समाचार में से पाठ: 11:2-11 ईसा कहते कि योहन बपतिस्ता महान/
विश्वासि यों के लिए आगमन का तीसरा रविवार बहुत सारी क्रपाओं का खजाना लाया हॆ/
हम सुनेंगे कि मुक्तिदाता दूर नहीं हॆ/
विश्वासियों को विभिन्न अच्छी बातों को अपनाने का निमंत्रण दिया गया हॆ/
हर विश्वासि को, धीरज, भाइचारा, शांति, सद्भावना, न्याय आदि सद्गुण उनके जीवन लाना चाहिए/
हम स्वाभाविक रूप से अच्छाई का अनुकरण करने की कोशीष करते रहते/
पर यह प्रयास अक्सर बहुत ही कष्ट्मई होता हॆ/
ऎसे समय हमें हमारे प्रयासों को ऒर मझबूत करना हॆ/
इस संसार में जीवन बिताते समय अनेक परीक्षायें हमारे प्रयासों को डगमगया करती/
इस लिए हर विश्वासि को सचेत अवस्ता से अपने क्रपा के जीवन को मजबूति देने की कोशीष करना चाहिए/
संग दोषों से बचने के लिए हमें सदा जीवन के लक्ष्य को हमारे आंखों के सामने रख कर चलना चाहिए/
तीनों पाठ ह्में आज हमें ईश्वर को हमारे जीवन प्रमुख स्थान देने की सलाह देते/
हमारे जीवन में ईश्वर हमेशा अपनी क्रपा से सींचते हॆं/
ईसाइया नबी हमें आज के पाठ में ईश्वर के अंनंत प्यार का सबूत देता हॆ/
अनेक अचरजों से ईश्वर हमारे हर गुनाओं को दूर करता हॆ/
ईश्वर हमारी द्र्ष्टि का गुण बता कर हमारें जीवन में उसके उपस्तिति का अनुभव कराता हॆ/
हमारे विक्रत अंगों को पूर्ण करता हॆ/
पूरी प्रक्रति को ईश्वर अपने पूर्णता से भर देता हॆ/.
पापों का भारी बॊज वह अनदेखा कर हमें माफ करने तत्पर रहता हॆ/
इस तस्वीर को हम इसाइया नबी के पाठ में देखते हॆं/
इसाइया नबी बताते हॆं कि ईश्वर के आने पर सब नया बनेगा/
हिरणी नाचने लगेगी, बच्चे सांप के बिल के सामने खेलने लगेंगे, ऒर सिंह के बच्चे घास खाने लगेगा/
दुख दूर होगा, सब कुछ नया बन जायेगा/
संत याकूब हमें एक किसान का उदाहरण देकर ईश्वर के आने का सबूत देता हॆ/
जिस प्रकार एक किसान अपनी खेती को धीरज की नींव पर अपनी कटाई का इंतजार करता हॆ/
सदियों से मुक्तिदाता के आगमन की विविध रीती से राह देखी गई हॆ/
1. मुक्तिदात एक महान राजा होंगे/
2. वे दाऊद से भी महान होंगे/
3. वे ईस्रएली जनता की महानता को पुन: स्थापित करेंगें/
जब वास्तव में मुक्ति दाता का आगमन हुआ तब वह एक अचरज करने वाला ही रहा/
वह जब पापियों के साथ खाने पीने लगे /
वह जगह जगह जाकर लोगों को उपदेश देने लगे/
लोग मुक्तिदाता का अनुसरण करने लगे/
सु-समाचार तो मुक्तिदाता के इसी आगमन की एक झलक देता हॆ/
जब मुक्तिदाता विविध जगहों पर अपनी शिक्षा का प्रचार कर रहे थॆ, तब योहन बप्तिस्ता जेल में थे?
उन्होंने येसू के पास अपने शिश्यों को भेज कर पूछने लगे "क्या आप मुक्तिदाता हॆं, तो उन्हें बताने का पहल करें"/
येसू शिश्यों के प्रश्न का सीधा उत्तर तो नहीं देते/
वे कहते हॆं कि वे उनके कार्य का बखान योहन करें/
येसू योहन को एक महान नबी का स्थान देते हॆं/
सभी नबियों के नामों में उनका नाम पहले स्थान पर रहेगा/
येसू योहन बप्तिस्ता को एक संदेश वाहक के रूप में देखते हॆं/
पुराने व्यवस्तान में संदेश वाहक एक विशिस्ठ स्थान रखते थे/
मुझे ऒर आप को इस संसार में एक अच्छे गवाह के रूप में अपना स्थान लेना हे/
हमें ईश्वर के मुक्तिदाता के हमारे जीवन में आने का स्पश्ठ संदेश लोगों के सामने प्रस्तुत करना हॆ/
ह्में अब आगमन के समय अपने विश्वास के सबूत को लोगों के सामने लाना हॆ/
ईसा के हमारे जीवन में प्रवेश की कहानी को हमें साहस के साथा बताना हॆ/
आइए हम अपने जीवन को सार्थक बना कर जीने का प्रयास करें/
यह समय हमारें जीवन का सुंदर समय हो/
आपका हितॆषी
फादर जुजे वास एस.वि.डि.
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