ಶುಕ್ರವಾರ, ಡಿಸೆಂಬರ್ 20, 2013

aagaman ka chowtha ravivaar hindi men 2013

आगमन का चॊथा रविवार साल A 2013 विशय: "मॆं प्रभु की चरणदासी" इसाइया प्रवादी के ग्रंथ में से पहला पाठ: 7:10-14 ईश्वर हमारे संग "इमानुएल". संत पाउलुस के रोमियों के नाम पत्र में से दूसरा पाठ 1:1-7 ईसा मसीह से हमें क्रपा ऒर शांति का वरदान मिलता हॆ/ संत मत्ती के सु-समाचार में से:1:18-24 मरियम से हमें "इमानुएल" मिले/. पुराना व्यवस्तान की पूर्णता ईसु ख्रिस्त के जन्म से हुई/ हमारे जीवन में ईसा का प्रवेश हमें एक नये युग का अनुभव कराता हॆ/ इतिहास हमें हमारे मुक्तिकी कहानी को दर्शाता हॆ/ आज के तीनों पाठ ऎतिहासिक मुक्ति की काहानी को हमें समझाते हॆं/ हमारे मुक्ति की बातें हमारे धार्मिक पुस्तकों में कूट कूट कर भरा गया हे/ बाइबिल ईश्वर के अपरिमित प्यार की कहानी को हमें समझाता हॆ/ बाइबिल के हर अक्षर में हमारे जीवन की कहानी हॆ/ हमें किस प्रकार से ईश्वर ने रचा इसे वहां बताया गया हॆ/ हम सब ईश्वर के प्रतिरूप हॆं/ इस प्रतिरूप को हम ने हमारे अहंकार के कारण दूशित किया/ आज का पहला पाठ हमें एक कुंवारी के गर्भाधारण की कहानी बताता हॆ/ वह कुंवारी एक बालक को जन्म देगी/ उसका नाम इम्मानुएल होगा/ इम्मानुएल का अर्थ ईश्वर हमारे साथ/ क्या यह एक अद्भुत अचरज नहीं? हम अकिंचन मानव ईश्वर के साथ जीने के अधिकारि बन गये हॆं/ जब मा मरियम ने नम्रता से कहा "मॆं प्रभु की दासी हूं" यह सत्य संभव हुआ/ जॆसे हम ऒर आप ईश्वर के आगमन की बाट जो रहे हॆं उसी प्रकार मां मरियम भी मुक्ति दाता के प्रतीक्षामें रत थी/ वह ईश्वर की वाणी को पहचान सकी/ क्या हम अपने जीवन में ऎसे तत्पर रहें गे कि जब ईश्वर की वाणी हमें किसी कार्य के लिए पुकारे गी हम कह पाएं गे कि, "मॆं तॆयार हूं"/ मरियम को पता था कि उसकी वह "हां" जीवन भर उसे लोगों के सामने लज्जा का कारण होगा/ फिर भी वह पीछे न हटी/ इस संसार में अनेक लोग अ्भि भी ऎसे हॆं जो इस सत्य को नहीं अपनाना चाहते. हम भई-बहनों को अपने विश्वास के संदेश को लोगों के सामने दर्शाने का इससे अच्छा समय कब आयेगा? अब हमारे जीवन में आगमन के लिए प्रतीक्षा करने का समय पूरा हो गया/ मुक्तिदाता तो इस संसार में प्रतिश्टित हुए/ क्या मेरे जीवन में उनका आगमन स्च्छे अर्थ में हो पाया हॆ? जब हम हमारे सगे संबधियों को मित्र आदियों को खुश ईसा जयंती का त्योहार मांगेंगे तो उनका हामारे जीवन में सच्छे अर्थ में प्रवेष दर्शायेगा/ मां मरियम ऒर संत योसेफ के समान हम हमारे ह्रदय द्वारों को मुक्त रख कर उनका स्वागत करें/ उन दोनों ने अंधकार में ईश्वर की वाणी को सुना ऒर उस पर अमल कर्ने की ठानी/ दोनों के जीवन में अनेक ऎसे संदर्भ आंयेंगे कि उन्हें लोगों के सामने हंसी के पात्र बनना होगा/ कुंवारा बाप ऒर कुंवारी मां कहलाना समाज में एक कलंक का विषय होगा/ हम कितनी बार डर से अपने विश्वास को छुपा रखते/ मां मरियम ऒर योसेफ से हम प्रेरणा लें ऒर अपने विश्वास को द्रढ बनाने का प्रयास करें/ हमारा विश्वास सदा सुद्रढ हो/ आपका हितॆषी फादर जुजे वास एस.वि.डी.

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